पण्डित दत्तात्रिया कैफ़ी और बे.दख़्ल किये गए शब्दों की कहानी / Blog / By admin मतरूकात दरअस्ल उन अल्फ़ाज़ को कहते हैं जिन्हें शाइरी में पहले बग़ैर किसी पाबन्दी के इस्तेष्माल किया जाता था मगर बाद में मशाहीर और असातेज़ा ने उनका इस्तेष्माल या तो बंद कर दिया या इस्तेष्माल रवा रक्खा भी तो कुछ पाबंदियों के साथ रवा रखा। ये भी