आख़िर लफ़्ज़ कहाँ सुकून का साँस लेते हैं? / Blog / By admin कुछ दिन हुए रेख़्ता ब्लॉग पर एक आर्टिकल पढ़ा, “लफ़्ज़ों पर निगरानी रक्खो” नाम से। इस में ग़लती निगरानी, हरकत जैसे अल्फ़ाज़ पर बात की गयी है, असातेज़ा के यहाँ उनका इस्ते’माल किस वज़्न पर हुआ है, इसकी मिसालें भी पेश की गयी हैं। बताया